रचना अक्सर खुद को संभालने जैसा होता है खुद को व्यवस्थित करना, खुद से औपचारिक संवाद करना बाकी शब्द-विन्यास, आकार, उड़ान, सब विषय और आप पर निर्भर करता है। मेरे लिए लिखना जितना बाहरी जीवन से प्रभावित है, उतना ही आंतरिक है। कई बार ज्यादा लिख जाने का खतरा होता है, कई बार सब कम रह जाता है लेकिन अंत में यही लिख पाने की जद्दोजहद ही अक्षरों को जीवन देती है।
Careers
Join our team.
We’re a team of creatives who are excited about unique ideas and help fin-tech companies to create amazing identity by crafting top-notch UI/UX.